शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

कल पर मत टालो

पांचवीं कक्षा । शिक्षक ने कक्षा में प्रवेश किया । सम्मान में बच्चे खड़े हुए । शिक्षक ने बैठने का निर्देश दिया । सभी बच्चे बैठ गए । शिक्षक ने बच्चों से कहा -"आज होमवर्क जाँचने की बारी है । आइए ! आपकी उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच करें ।" एक-एक करके बच्चों ने अपनी नोट बुक दिखाई । शिक्षक ने लिखित कार्य का मूल्यांकन किया। अब सतीश की बारी थी । सतीश ने पास आकर कहा -"सर ! मैंने आज काम नहीं किया । कल कर लूंगा ।" शिक्षक ने सतीश को समझाते हुए कहा कि कोई भी काम कल पर मत टालो । कल कभी नहीं आता है । शिक्षक ने बच्चों से कहा -"चलिए आज आपको समय का महत्त्व बताते हैं ।" उन्होंने कहा कि सभी कार्य समय पर होने चाहिए। अगर सूर्य समय पर उदय नहीं हो तो हम अंधेरे में रहेंगे । ऋतुएं समय पर नहीं आएंगी तो न समय पर बर्षा होगी और न ही समय पर फसल। प्रकृति का चक्र ही बदल जाएगा। सर्दी-गर्मी भी समय पर नहीं आएंगी। हम अपने दैनिक जीवन में समय पर काम नहीं करते हैं तो हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है । अगर हम रेल्वे स्टेशन अथवा बस स्टाॅप पर समय पर नहीं पहुँचेंगे तो गाड़ी-बस निकल जाएगी । हम जिस काम से जा रहे थे उससे वंचित रह जाएंगे । इसी प्रकार आज का काम कल पर छोड़ने से हमें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा । यह बात भी है कि आज का दिन जैसा है हो सकता है कल का दिन वैसा नहीं हो । दूसरी बात यह भी है कि आज का काम कल पर छोड़ने से आलसी हो जाता है । धीरे-धीरे काम की मात्रा बढ जाती है और उस काम को करने के लिए हमें अधिक समय, श्रम और शक्ति की आवश्यकता होती है । समय पर काम न करके कल पर टालने से यह हमारी आदम में समाहित हो जाता है और हम सभी कार्य कल पर टालने लगते हैं । एक बार बीता हुआ समय वापस नहीं आता । अतः हमें अपना समय बिना नष्ट किए सभी कार्य समय पर करने चाहिए । सभी बच्चों ने शिक्षक से संकल्प किया कि अब जो भी कार्य हमें सौंपा जाएगा वे समय पर पूरा करेंगे ।